Tuesday 27 February 2018

वो भूखा मर गया

मैंने खाना खाया पेट भर गया,
कहीं कोई भूखा ही मर गया।

थाली में मेरी दो चम्मच घी पड़ गया,
एक बच्चा सूखा चावल खाकर रह गया।

मैं खाना पचाने के लिए चुर्ण चट कर गया,
और कोई पेट पर गीला कपड़ा बांधे सो गया।

घर पर साफ पानी वाला मशीन लग गया,
कोई इक प्याला पानी को तरस गया।

दावत का बचा खाना कूड़े में फेंक दिया,
वही किसी के शाम का खाना बन गया।

मेरा खाना मुझे हमेशा वक्त पे मिल गया,
और कोई अनाज के इंतज़ार ही में रह गया।

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